श्रीराम शलाका प्रश्नावली की चौपाइयाँ

श्री रामचरितमानस से कुल नौ चौपाइयाँ शलाका प्रश्नावली में प्रयुक्त हुईं हैं। वे सभी चौपाइयाँ रामचरितमानस में उनके संदर्भ के साथ नीचे प्रस्तुत हैं।

१. सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी॥ नारद बचन सदा सुचि साचा। सो बरु मिलिहि जाहिं मनु राचा॥
चौपाई का भावार्थ देखें
२. प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥
चौपाई का भावार्थ देखें
३. लखि सुबेष जग बंचक जेऊ। बेष प्रताप पूजिअहिं तेऊ॥ उघरहिं अंत न होइ निबाहू। कालनेमि जिमि रावन राहू॥
चौपाई का भावार्थ देखें
४. सठ सुधरहिं सतसंगति पाई। पारस परस कुधात सुहाई॥ बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं। फनि मनि सम निज गुन अनुसरहीं॥
चौपाई का भावार्थ देखें
५. होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा॥ अस कहि लगे जपन हरिनामा। गईं सती जहँ प्रभु सुखधामा॥
चौपाई का भावार्थ देखें
६. मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जंगम तीरथराजू॥ राम भक्ति जहँ सुरसरि धारा। सरसइ ब्रह्म बिचार प्रचारा॥
चौपाई का भावार्थ देखें
७. प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥ गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥
चौपाई का भावार्थ देखें
८. बरुन कुबेर सुरेस समीरा। रन सन्मुख धरि काहुँ न धीरा॥ भुजबल जितेहु काल जम साईं। आजु परेहु अनाथ की नाईं॥
चौपाई का भावार्थ देखें
९. सुमन पाइ मुनि पूजा कीन्ही। पुनि असीस दुहु भाइन्ह दीन्ही॥ सुफल मनोरथ होहुँ तुम्हारे। रामु लखनु सुनि भय सुखारे॥
चौपाई का भावार्थ देखें
श्रीराम शलाका ऐप का उपयोग करें